प्रभु कार्य का व्रत असिधारा व्रत के समान कठिन व्रत है।
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हिन्दी में भावार्थ-सदाशयी मनुष्यों के लिये कठोर असिधारा व्रत का आदेश किसने दिया?
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हिन्दी में भावार्थ-सदाशयी मनुष्यों के लिये कठोर असिधारा व्रत का आदेश किसने दिया?
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हिन्दी में भावार्थ-सदाशयी मनुष्यों के लिये कठोर असिधारा व्रत का आदेश किसने दिया? जिसमें दुष्टों से किसी प्रकार की प्रार्थना नहीं की जाती।
5.
अगर मनुष्य असिधारा व्रत का पालन करे-जिसमें दुष्टों ने प्रार्थना तथा मित्रों से धना की याचना न करने के साथ ही किसी भी स्थिति में अपने सिद्धांतों का पालन किया जाता है-तो समय आने पर अपने पराक्रम से वह सफलता प्राप्त करता है।
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अगर मनुष्य असिधारा व्रत का पालन करे-जिसमें दुष्टों ने प्रार्थना तथा मित्रों से धना की याचना न करने के साथ ही किसी भी स्थिति में अपने सिद्धांतों का पालन किया जाता है-तो समय आने पर अपने पराक्रम से वह सफलता प्राप्त करता है।
7.
जो प्रतिष् ठा बड़े राजाधिराज सम्राट् बादशाह शाहंशाह को दुर्लभ है वह चरित्रवान् को सुलभ है, और यह प्रतिष् ठा चरित्रपालन वाले को सहज ही मिल गई सो नहीं वरन् सच कहिए तो यह असिधारा व्रत है, संसार के अनेक सुखों को लात मार बड़े-बड़े क् लेश उठाने के उपरांत मनुष् य इसमें पक् का हो सकता है।